Diabetes New Research: रोजाना इंसुलिन लेने से हो सकता है कैंसर

दुनियाभर में आजकल डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ये बीमारी मैनली दो प्रकार की होती है. इनमें एक जो है टाइप-2 डायबिटीज और दूसरी जो है टाइप-1 डायबिटीज.

टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस एक बोहोत ही गंभीर बीमारी है. ये तब होती है जब आपके पैंक्रियास बहुत कम या बिलकुल भी इंसुलिन का उत्पादन ही नहीं करता है. इसके कारण, टाइप 1 की डायबिटीज के ज्यादा रोगियों को शरीर की ज्यादा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इंसुलिन की ही खुराक लेनी पड़ती है. और अब एक रिसर्च में यह भी कहा गया है कि इस इंसुलिन से कैंसर का खतरा हो सकता है.

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Insulin Affect

Diabetes Research on High Insulin :-

JAMA जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, यह इंसुलिन लेने से टाइप 1 डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. ये रिसर्च, जो है वह मधुमेह नियंत्रण और जटिलता परीक्षण (डीसीसीटी) के महामारी विज्ञान के सभी आंकड़ों का उपयोग करते हुए, 28 वर्षों में लगभग टाइप 1,

मधुमेह वाले रोगियों में कैंसर की घटनाओं के ही आधार पर तैयार की गई है. इस स्टडी में 1,303 लोगों को शामिल किया गया था. जिसमें पता चला है कि वह लोग जिन लोगों ने इंसुलिन की ज्यादा अधिक डोज थी कि उनमें से कम डोज लेने वालों की तुलना में कैंसर का खतरा बोहत अधिक था.

रिसर्च में शामिल पाए गए 1,303 रोगियों में से ९३ लोगो को (7 प्रतिशत) में कैंसर मिल था.और इन लोगों की औसत आयु सिर्फ 50 वर्ष थी, और ये कम से कम यह लोग 20 सालों से डायबिटीज से पीड़ित थे. जिनमे से 93 रोगियों में, 57 महिला जोकि (61 प्रतिशत), और 36 पुरुष (39 प्रतिशत) ने पिछले 10 वर्षों के भीतर ही कैंसर विकसित किया. वॉकहार्ट हॉस्पिटल के,

इस इंटरनल मेडिसिन विभाग के अनुसार डॉ अनिकेत मुले ने यह भी कहा कि डायबिटी और और कैंसर बोहोत पुरानी बीमारियां हैं, और इन दोनों का ही बोझ देश में खतरनाक दर से बढ़ रहा है. और कैंसर और डायबिटीज के लगातार बढ़ते केस भी चिंता का कारण बन सकते हैं.

मोटापा भी हो सकता है कैंसर का कारण

बोहोत से डॉक्टरों का यह कहना है कि मोटापा डायबिटीज और कैंसर के पीछे का एक बोहोत बड़ा कारण हो सकता है. उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार, यह इंसुलिन प्रतिरोध के कारण यह डायबिटीज परिवर्तित कैंसर का भी जोखिम है. अध्ययन में जिन लोगों ने भी इंसुलिन की उच्च खुराक ली थी, उनमें से कैंसर का रिस्क मिला है. और इस बारे में भी डॉक्टरों का कहना है कि यह इंसुलिन को सीधे तौर पर ही कैंसर से जोड़ना जल्दबाजी होगी.

आपको यह तो पता ही ही होगा की यह डिबेट्स की बीमारी कितनी बुरी है यह इंसान को कितना ही कमजोर बना देती है जिससे की इंसान बोहोत ही ज्यादा कमजोर हो जाता है

अभी भी इस विषय पर और भी रिसर्च करने की जरूरत है. हालांकि ये भी जरूर है कि कुछ लोग इस बीमारी से बचाव के लिए अपने सेहत का भी ध्यान रखें.

ऐसे करें कैंसर से बचाव

1- बिना वजह कोई भी मानसिक तनाव न लें

2- खानपान का अच्छे से ध्यान रखें

3- लाइफस्टाइल को सही से ठीक रखें

4- मैदा, चीनी और साथ में नमक का अधिक मात्रा में सेवन न करें

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